के. आर. नारायणन का जीवन परिचय | K. R. Narayanan History History, Birth, Education, Life, Surround, Role in Independence in Hindi
जिस समय देश में दलित जाती को नीची जाती का दर्जा हो, इस समय देश में किसी दलित व्यक्ति का राष्ट्रपति बनना किसी वीरता से कम नहीं. के. आर. नारायणन की सफलता के पीछे उनकी कड़ी मेहनत छुपी है. उनके जीवनकाल में ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठता आदि का संगम उनकी जीवनी को आदर्श बनाता है.
अपने हितों की परवा ना करते हुए दूसरों केलिए जीवन व्यथित करनेवाले राजनेता श्री के. आर. नारायणन जी को आज भी याद किया जाता है. तो आइये इस महान व्यक्तित्व की जीवनी विस्तार से जानते एवं समज़ते है.
आर. के. नारायणन जी का पूरा नाम राशीपुरम कृष्ण स्वामीनारायण था. इनका जन्म 27 अक्टूबर, 1920 को केरल के एक छोटे से गांव पेरुमथॉनम उझावूर, त्रावणकोर में हुआ था.
वास्तविक में इनका जन्म 4 फरवरी 1920 में हुआ था, लेकिन स्कूल में दाखिला लेते समय इनके चाचा ने सही तारीख ना पता होने के कारण यह तारीख लिखवा दी. वे परवान जाती से सम्बन्ध रखते थे, और उनका व्यवसाय नारियल तोडना था. इनके पिता का नाम कोचेरिल रमण विद्यार एवं माता का नाम पुन्नाथठुरावीथी पप्पियाम्मा था. इन्हे चार भाई – बहन थे.
घर में गरीबी होने के कारण उनके माता पिता कड़ी मेहनत करते थे. ऐसी परिस्थिति होने के बावजूद उनके पिता अपनों बच्चो को पढ़ने केलिए प्रेरित करते थे.
चार भाई बहन में इनकी बड़ी बहन गौरी एक होमियोपैथ हैं और इन्होंने शादी नहीं की है. इनके छोटे भाई भास्करन ने भी शादी नहीं की है. वह पेशे से अध्यापक है. इन्होने अपनी प्रारंभिक शिक्षा 1927 में उझावूर के अवर प्राथमिक विद्यालय से पूर्ण की.
इस समय स्कूल केलिए इन्हे 15 km हररोज़ पैदल जाना पड़ता था. बच्चों की स्कूल का शुल्क भरने जितनी राशि उनके पिताजी नहीं दे सकते थे, परिणामतः उन्हें हमेशा अपनी क्लास के बाहर खड़े हो कर ही शिक्षा ग्रहण करनी पड़ती थी. वे अपने दोस्तों से किताबे लेकर पढाई करते थे.
आर. के. नारायणन जी ने वर्ष 1931 – 1935 तक, आवर लेडी ऑफ़ लौरदे स्कूल से शिक्षा प्राप्त की.
उसके बाद वर्ष 1937 में उन्होंने सेंट मेर्री हाई स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की. मेट्रिक दौरान उन्हें एक शिष्यवृत्ती मिली, जिसकी मदद से उन्होंने इंटरमीडिएट की परीक्षा कोट्टायम के सी. एम. एस. स्कूल से 1940 में पूरी की. उसके बाद 1943 में उन्होंने त्रावणकोर विश्वविद्यालय से B.A (hons) एवं M.A English literature में प्रथम श्रेणी ने डिग्री हासिल की.
Notice. Narayanan Political Life
वर्ष 1944-45 में के. आर. नारायणन जी ने हिन्दू एवं दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया में पत्रकार के रूप में कार्य किया. इस दौरान 10 अप्रैल 1945 में उन्होंने महात्मा गांधी जी का इंटरव्यू भी लिया था. उनकी हमेशा से चाह थी की वे विदेश में जा कर उच्च शिक्षा ग्रहण करें, लेकिन उन्हें आर्थिक आधार की जरूरत थी. इस जरुरत को पूरा करने केलिए उन्होंने जे आर डी टाटा को एक चिठ्ठी लिख कर मदद मांगी.
टाटाजी ने उनकी मदद करने केलिए मंजूरी दी, जिसके बाद वे राजनीति विज्ञान की शिक्षा के लिए लन्दन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स चले गए.
1948 में भारत लौटने के बाद उन्हें नेहरूजी द्वारा आईऍफ़एस की नौकरी मिल गयी. इस दौरान 1954 में उन्होंने दिल्ली स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स में उन्होंने बच्चों को शिक्षा भी दी. वर्ष 1978 में उनका आईएफएस का कार्यकाल समाप्त हुआ.
इसके बाद प्रधानमन्त्री इंदिरा गाँधी द्वारा वे अमेरिका का भारतीय एम्बेसडर बनाये गए.
1984 में उन्होंने इंदिरा जी के कहने पर राजनीति में कदम रखा, और लगातार तीन लोकसभा चुनावों में ओट्टापलल, केरल में कांग्रेस की सीट से विजयी होकर लोकसभा पहुंच गए. इस पद पर इन्होने योजना, विज्ञान, विदेश से जुड़े मामले एवं तकनिकी से जुड़े कार्य संभाले.
राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा जी के कार्यकाल में, के.आर. नारायणन जी को 1992 में उपराष्ट्रपति बनाया गया था. 17 जुलाई 1997 को के.आर. नारायणन जी को राष्ट्रपति पद पर नियुक्त किया गया. राष्ट्रपति कार्यकाल में उन्होंने दलित, अल्पसंख्य एवं गरीबों के लिए अलौकिक कार्य किये. 2002 तक उन्होंने यह पद संभाला. निमोनिया बीमारी के कारण 9 नवम्बर 2005 को उनका निधन हो गया.
Narayanan Writings Introduction
के. आर. नारायणन एक ईमानदार, गंभीर व्यक्तित्व के व्यक्ति थे. उन्होंने अपने जीवनकाल में राजीनीति में अच्छी सफलता प्राप्त की. आपको बता दें, वे राजनेता के साथ साथ अर्थशास्त्री भी थे. उनकी कई रचनाएँ प्रकाशित हुई है, जिनमे उपन्यास, संकलन, निबंध आदि का समावेश है. उन्होंने एक काल्पनिक शहर मालगुडी को आधार बनाकर अपनी अनेक रचनाएँ की हैं.
क्रमांक | उपन्यास | साल |
1 | स्वामी और उसके दोस्त | 1935 |
2 | द बेचलर ऑफ़ आर्टस | 1937 |
3 | द डार्क रूम | 1938 |
4 | द इंग्लिश टीचर | 1945 |
5 | मिस्टर संपथ | 1948 |
6 | द फ़ाइनेंशीयल एक्सपर्ट | 1952 |
7 | महात्मा का इंतजार | 1955 |
8 | द गाइड | 1958 |
9 | मालगुडी का आदमखोर | 1961 |
10 | द वेंडर ऑफ़ स्वीट्स | 1967 |
11 | द पेंटर ऑफ़ साइन्ज़ | 1977 |
12 | ए टाइगर फ़ॉर मालगुडी | 1983 |
13 | टाल्केटिव मेन | 1986 |
14 | द वर्ल्ड ऑफ़ नागराज | 1990 |
15 | ग्रेन्डमदर्स टेल | 1992 |
क्रमांक | संकलन | साल |
1 | मालगुडी की कहानियाँ (मालगुडी डेज़) | 1942 |
2 | एन एस्ट्रोलॉजर्स डे एंड अदर स्टोरीज | 1947 |
3 | लॉली रोड एंड अदर स्टोरीज | 1956 |
4 | ए हॉर्स एंड टू गोट्स | 1970 |
5 | अंडर द बेनियन ट्री ऑंड अदर स्टोरीज | 1985 |
6 | ग्रेन्डमदर्स टेल ऑंड अदर स्टोरीज | 1994 |
क्रमांक | निबंध |
1 | नेक्स्ट सन्डे |
2 | रिलक्टेंट गुरु |
3 | ए राइटर्स नाइटमेयर |
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